इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाईनैन्स कंपनी लिमिटेड
सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) नीति
प्रस्तावना
कंपनी अपने सभी क्रियाकलापों एवं प्रचालनों में नैतिकता, सत्य निष्ठा एवं व्यावसायिकता के उच्चतम मानदंडों हेतु प्रतिबद्ध है जोकि आचार-व्यवहार में हैं और भ्रष्टाचार, कदाचार तथा कंपनी के कर्मचारियों/ अधिकारियों के द्वारा आधिकारिकता के दुरूपयोग को समूल मिटाने हेतु प्रणाली एवं प्रक्रमण में पारिभाषित हैं। कंपनी कर्मचारी/अधिकारियों, उपभोक्ताओं तथा कंपनी के संपर्क में आने वाली आम जनता के प्रतिनिधियों/सदस्यों के साथ काम काज एवं लेन-देन हेतु एक खुली एवं पारदर्शी प्रणाली को प्रोत्साहित करती है।
भारत सरकार ने 21 अप्रैल, 2004 को ‘‘लोकहित प्रकटीकरण तथा सूचना प्रदाता संरक्षण’’ (‘Public Interest Disclosures & Protection of Informer’ (PIDPI) का एक प्रस्ताव परित किया था जिसके तहत लिखित शिकायतें अथवा किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार के प्रकटीकरण अथवा कार्यालय के दुरूपयोग की लिखित प्राप्त करने तथा उन पर यथानुकूल कार्रवाई संस्तुत करने के लिए केन्द्रीय सतर्कता आयोग को ‘’निर्दिष्ट एजेंसी’’ के रूप में प्राधिकृत किया गया है। इस परिप्रेक्ष्य में केन्द्रीय सतर्कता आयोग(सीवीसी) का न्यायिक क्षेत्र केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों अथवा केन्द्र सरकार के द्वारा स्थापित कोई भी निगम या किसी भी केन्द्रीय अधिनियम के अधीन संस्थाओं, सरकारी कंपनियों, समितियों या केन्द्र सरकार द्वारा नियंत्रित या स्वामित्व वाली स्थानीय निकायों तक परिसीमित हैं।
कंपनी ने भारत सरकार के संकल्प में प्रस्ताव और केन्द्रीय सतर्कता आयोग द्वारा अधिगृहीत कार्यालय आदेश सं. 33/5/2004 दिनांकित 17.05.2004 (जिसकी अधिसूचना की एक विस्तृत प्रति आयोग की वेबसाइट http://www.cvc.ni.in पर उपलब्ध है, जिसे केन्द्रीय सतर्कता आयोग, आईएनए, सतर्कता भवन, नई दिल्ली के द्वारा लोकहित में जारी किया गया है) केमानदंड के समरूप ‘’सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) नीति’’विकसित की है।
कंपनी के स्तर पर प्रचालन की रूपात्मकता :
जैसा कि सरकारी कंपनियां ‘‘लोकहित प्रकटीकरण तथा सूचना प्रदाता संरक्षण’’ (‘Public Interest Disclosures & Protection of Informer’ (PIDPI) के अंतर्गत आवृत हैं, तदनुसार आईआईएफसीएल के लिए यह अपेक्षित है कि वह अपने कर्मचारियों, अधिकारियों तथा आम जनता के लिए केन्द्रीय सतर्कता आयोग द्वारा यथा प्रस्थापित ’सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) नीति’’ के अभिप्राय को प्रचारित करे और इस नीति का निहितार्थ भी कथोक्त नीति के समान हो। एतद् द्वारा सभी संबद्धों को संसूचित किया जाता है कि ’सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) नीति’’ के तहत की गई कोई भी शिकायत निम्नलिखित पहलुओं के अंतर्गत अनुपालित की जानी चाहिए :
शिकायत कर्ता को ’’सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर)’’ के रूप में जाना जाएगा और नीति को ’’सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) नीति’’ के रूप में जाना जाएगा। सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) की गोपनीयता को सामान्यतया अनुरक्षित रखा जाएगा।
इसके अलावा ‘’सचिव, केन्द्रीय सतर्कता आयोग’’ तथा कंपनी के केन्द्रीय सतर्कता अधिकारी (CVO) भी सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) नीति के तहत प्राप्त शिकायतों से निपटने के लिए प्राधिकृत है। यह शिकायत एक बंद/ सुरक्षित लिफाफे पर ‘’ सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) नीतिके अंतर्गत शिकायत’’ लिखकर निम्नलिखित पते पर भेजी जा सकती है।
सचिव,
केन्द्रीय सतर्कता आयोग
सतर्कता भवन, जीपीओ कांप्लेक्स,
ब्लॉक ए, आई एन ए,
नई दिल्ली- 110023
|
मुख्य सतर्कता अधिकारी
आईआईएफसीएल
8वां तल, एच टी हाउस,
18 एवं 20 के जी मार्ग,
नई दिल्ली- 110001
|
शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया
i.) अज्ञात/छद्म नाम वाली शिकायतों पर विचार नहीं किया जाएगा।
ii.) शिाकायत से संबंधित विषय(सामग्री) ध्यानपूर्वक तैयार की जानी चाहिए, ताकि उसमें शिकायतकर्ता की पहचान का ब्यौरा या सुराग प्रकट न हो। हालांकि, शिकायत का विवरण सुस्पष्ट तथा प्रमाणनीय/सत्यापनीय होना चाहिए।
iii.) शिकायतकर्ता की पहचान सुरक्षित रखने के क्रम में, कोई भी पावती जारी नहीं की जाएगी और सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) को सलाह दी जाती है कि वह अपने हित को ध्यान में रखते हुए कंपनी के साथ आगे के पत्राचार में शामिल न हो। कंपनी यह सुनिश्चित करती है कि मामले के तथ्यों के सत्यापनीय होने की दशा में, कंपनी आवश्यक कार्रवाई करेगी, जैसा कि भारत सरकार के संकल्प में बताया गया है। यदि कोई भावी स्पष्टीकरण अपेक्षित होगा तो कंपनी शिकायतकर्ता के साथ संपर्क करेगी।
सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) नीति के तहत शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया :
कोई भी शिकायत जो कि सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) नीति के अंतर्गत की गई है, निम्नलिखित पहलुओं का अनुपालन करना चाहिए :-
i) इस योजना के तहत अज्ञात/ छद्म नाम की शिकायतों पर विचार नहीं किया जाएगा।
ii) शिकायत/रिपोर्ट को मुख्य सतर्कता अधिकारी के पास बंद लिफाफे में सुरक्षित तरीके से भेजी जानी चाहिए।
iii) लिफाफा उपरोक्त निर्दिष्ट अधिकारी को संबोधित होना चाहिए और उसके ऊपर ‘’सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) नीति के तहत शिकायत’’ लिखा होना चाहिए। शिकायत में शिकायतकर्ता का नाम एवं पता केवल मूल पाठ(सामग्री) के प्रारंभ में या फिर अंत में दिया जाना चाहिए।
iv) यदि शिकायतकर्ता चाहता है कि उसका नाम प्रकट नहीं किया जाना चाहिए तो शिकायत की सामग्री(पाठ) सावधानीपूर्वक तैयार की जानी चाहिए, तदनुसार उसके/की पहचान का कोई सुराग या ब्यौरा नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि, शिकायता का ब्यौरा विशिष्ट एवं सत्यापनीय होना चाहिए।
v) यदि लिफाफे के ऊपर लिखा(अंकन) नहीं है और लिफाफा बंद है, तो यह संभव नहीं होगा कि शिकायतकर्ता की पहचान को गोपनीय रखा जाए जैसा कि उपरोक्त संकल्प में उसका संरक्षण वर्णित है। ऐसी शिकायतों को कंपनी की सामान्य शिकायत नीति के अनुसार निपटाया जाएगा।
अन्य पहलू :
i) सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) की पहचान को गोपनीय(आवृत) रखने के क्रम में, सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) को सलाह दी जाती है कि यदि वह अनुस्मारक भेजने के लिए प्रवृत्त है तो उसे ठीक वही पत्राचार की प्रविधि का अनुपालन करना चाहिए जैसा कि ऊपर बताया गया है।
ii) इस नीति के अंतर्गत एक कर्मचारी(सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) के द्वारा शिकायत करने पर बदले के भाव उसके खिलाफ कोई भी विपरीत कार्मिक कार्रवाई संस्तुत अथवा क्रियान्वित नहीं की जाएगी। हालांकि, उसे अपने दुर्व्यवहार के लिए संरक्षित नहीं किया जाएगा। जिसको उसके एक सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) के रूप प्रकटीकरण से नहीं जोड़ा जाए।
iii) यदि एक कर्मचारी जानबूझ कर अनैतिक एवं अनुचित व्यवहार के साथ गलत दोषारोपण करता है या गलत व्यवहार के लिए दोषी है, तो वह अनुशासनात्मक कार्यवाही का मामला है और इस नीति के अंतर्गत संरक्षित नहीं किया जाएगा।
शिकायत निपटाने के लिए प्रक्रिया
प्राप्त सभी शिकायतों को क्रमानुसार पूरे विवरण के साथ एक रजिस्टर में दर्ज किया जाए जैसे कि शिकायत की संख्या एवं तारीख, प्राप्ति की तारीख, शिकायत में उल्लिखित आरोप /विषयवस्तु का सारांश ।
- कंपनी की ओर से शिकायतकर्ता को शिकायत की कोई भी पावती नहीं जारी की जाएगी।
- शिकायत में बताए गए तथ्य एवं आरोप सत्यापनीयविषय हैं। कंपनी इस विषय में जांच कराएगी और आवश्यक कार्रवाई करेगी।
- हालांकि, यदि यह प्रतीत होता है कि शिकायत की सामग्री(विषय वस्तु) का सत्यापन आपात्कालिक एवं आवश्यक है, तो कंपनी शिकायत(पत्र) में शिकायतकर्ता के द्वारा दिए गए पते/फोन/मोबाईल नंबर/ ई-मेल आईडी से संपर्क स्थापित करेगी।
- एक विवेकशील जांच-पड़ताल के परिणाम स्वरूप अथवा बिना किसी जांच-पड़ताल के स्वयं शिकायत के आधार पर, यदि मुख्य सतर्कता अधिकारी का यह मत है कि मामले की और आगे जांच करने की जाने की जरूरत है, जो वह तो कंपनी के संबद्ध कर्मचारी/ अधिकारी से अनुसंधान/छानबीन के एक हिस्से के रूप में टिप्पणियां/ प्रतिक्रिया आमंत्रित कर सकता है।
- शिकायत में उठाए गए मामले से संबंधित सभी सुसंगत/अनुकूल कागजाद/ दस्तावेजों को मुख्य सतर्कता अधिकारी के द्वारा प्राप्त किया जाएगा और तत्काल प्रभाव से मामले की छानबीन की जाएगी।
- जहां तक संभव हो, मामले की छानबीन शीघ्रातिशीघ्र पूरी की जाएगी।
- मुख्य सतर्कता अधिकारी मामले का अनुकरण करेगा और जब भी अपेक्षित हो, अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु अनुशासनात्मक प्राधिकरण को सलाह दे सकता है।
शिकायतकर्ता के लिए सुरक्षा उपलब्धता
- यदि शिकायतकर्ता एक कर्मचारी/अधिकारी सदस्य है तो उसे अपना नाम एवं पिन कोड नंबर सहित पता, फोन अथवा मोबाइल नंबर तथा ई-मेल यदि कोई है प्रमुखता के साथ शिकायत के अंत में अथवा उसके साथ कवरिंग लेटर(प्रावरण पत्र) के साथ अवश्य देना चाहिए। इसके अलावा नाम, पदनाम, शाखा/कार्यालय/विभाग का नाम जहां वह नौकरी करता/ती है, स्पष्ट रूप से उल्लिखित करना चाहिए।
- कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि कंपनी उस व्यक्ति के खिलाफ कोई दंडात्मक /प्रशासनिक कार्रवाई नहीं करेगी जिसके एक ‘’सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर)’’ के रूप में होने के कारण हैं या होने की आंशका लगती है।
- शिकायतकर्ता की पहचान तब तक नहीं प्रकट की जाएगी, जब तक कि उसने स्वयं उसने अपनी शिकायत सार्वजनिक किया हो या फिर उसने अपनी पहचान किसी अन्य व्यक्ति/प्राधिकरण के सामने प्रकटीकरण किया हो।
- केवल शिकायत करने के कारण कंपनी अपनी नीति के तहत शिकायतकर्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई या उसे सताने/ पीडित करने की कार्यवाही या अभित्रस्त (डराने-धमकाने की) शुरूआत नहीं करेगी।
- यदि कोई भी वयक्त्िा इस आधार पर किसी कार्रवाई के द्वारा अपमानित करता है कि उसने शिकायत अथवा प्रकटीकरण किया है जिसके कारण से उसे पीडि़त या सताया जाता है तो वह अपनी शिकायत के निवारण की मांग हेतु प्रबंध निदेशक के सम्मुख किसी भी प्रकार से आवेदन प्रस्तुत सकता है। प्रबंध निदेशक पूरे मामले की जांच करेंगे और ऐसी कार्रवाई करेंगे, जो शिकायत के निवारण हेतु उपयुक्त लग सकती है।
- यदि शिकायतकर्ता कंपनी का ही कोई कर्मचारी/अधिकारी है तो कंपनी उसके द्वारा शिकायत करने के कारण इस नीति के तहत उस कर्मचारी या अधिकारी (सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी और न ही किसी भी प्रकार की विपरीत प्रशासनिक अथवा अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति करेगी और उस कर्मचारी/अधिकारी के खिलाफ किसी भी प्रकार की विपरीत प्रशासनिक अथवा अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के विपरीत कंपनी संरक्षण देने हेतु सभी प्रकार के उपाय करेगी। हालांकि, वह कर्मचारी/ अधिकारी अपने दुर्व्यवहार के लिए संरिक्षत नहीं किया जाएगा, जोकि उसके प्रकटीकरण से संबद्ध न हो, जिसे (सूचना प्रदाता(व्हिसल ब्लोअर) के रूप में प्रकट किया गया हो।
- कोई भी वह कर्मचारी/ अधिकारी, जो जानबूझ कर अनैतिक एवं अनुचित व्यवहार के लिए झूठ दोषारोपण करता है या जानबूझ कर दुर्व्यवहार का आरोप लगाता है, वह एक उपयुक्त अनुशासनात्मक कार्रवाई का मामला बनेगा और उसे इस नीति के तहत संरक्षा नहीं प्राप्त होगी ।
- यदि किसी मामले में कंपनी यह पाती है कि शिकायत अभिप्रेरित है या कष्टदायी है, तो कंपनी शिकायतकर्ता के खिलाफ एक उपयुक्त कार्रवाई करेगी।